@ का पूरा सच: हर दिन इस्तेमाल होने वाला यह सिंबल आखिर आया कहाँ से?
क्या आपने कभी सोचा है कि “@” आखिर आया कहाँ से?
हर दिन हम इसे इस्तेमाल करते हैं — ईमेल में, सोशल मीडिया हैंडल में, टैग करने
में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह छोटा सा सिंबल कभी
खत्म होने के कगार पर था?
आज हम आपको @ की कहानी बताएंगे — एक ऐसा सफर जो बहीखातों से शुरू होकर इंटरनेट तक पहुँचा।
@ की शुरुआत: जब ये सिर्फ एक अकाउंटिंग चिन्ह था
“@” का जन्म तकनीकी दुनिया से नहीं, बल्कि पुराने बहीखातों और व्यापार की दुनिया से हुआ था। मध्य युग (medieval age) में यूरोपीय व्यापारी "@” सिंबल का उपयोग “at the rate of” या “प्रति” के रूप में करते थे।
उदाहरण के लिए:
10 सामान @ ₹50 मतलब 10 चीज़ें 50 रुपये प्रति कीमत पर।
धीरे-धीरे कंप्यूटर टाइपिंग और कीबोर्ड के ज़माने में, ये चिन्ह कीबोर्ड पर तो रहा, लेकिन लोग इसका ज़्यादा उपयोग नहीं करते थे। यहां तक कि एक समय पर इसे कीबोर्ड से हटाने का भी विचार चल रहा था।
टर्निंग पॉइंट: जब @ बन गया डिजिटल पहचान का हिस्सा
1971 में एक कंप्यूटर इंजीनियर रे टॉमलिंसन (Ray Tomlinson) ने ARPANET (जो आगे चलकर इंटरनेट बना) के ज़रिए दुनिया का पहला ईमेल मैसेज भेजा।
अब ज़रा सोचिए — उस समय उन्हें ईमेल एड्रेस बनाने के लिए किसी सिंबल की ज़रूरत
थी जो नाम और सर्वर को अलग कर सके।
उनके कीबोर्ड पर मौजूद सभी सिंबल्स में से एक ऐसा था जो
नामों में आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होता था, और वो था –
“@”।
इस तरह पहला ईमेल एड्रेस बना:
Tomlinson@bbn-tenexa
और @ का भाग्य बदल गया।
क्यों चुना गया "@”? यही क्यों?
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यह उस समय किसी नाम या फाइल में नहीं आता था, यानी कोई कन्फ़्यूज़न नहीं।
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“at” का मतलब भी साफ था — user @ server यानी “user at server”
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और सबसे बड़ी बात – कीबोर्ड पर पहले से मौजूद था।
@ का सफर: एक अनजाने से चिन्ह से बन गया पहचान का प्रतीक
आज @ सिर्फ ईमेल तक सीमित नहीं है। यह बन चुका है आपकी डिजिटल पहचान का हिस्सा।
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ट्विटर पर टैग करना हो तो: @username
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इंस्टाग्राम पर किसी को mention करना हो तो: @friend
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Facebook, LinkedIn और YouTube तक — सब जगह @ का बोलबाला है।
अगर उस समय @ हटा दिया जाता तो?
सोचिए अगर उस वक्त इस सिंबल को कीबोर्ड से हटा दिया जाता — तो शायद आज ईमेल जैसी चीज़ ही न होती! यह छोटी-सी चीज़ हमारे इंटरनेट का इतना बड़ा हिस्सा बन जाएगी, किसी ने नहीं सोचा था।
निष्कर्ष: एक सिंबल जिसने डिजिटल दुनिया को बदल दिया
@ सिर्फ एक सिंबल नहीं है — यह हमारे डिजिटल सफर की पहचान बन चुका है। एक वक्त जो गुमनाम और बेकार सा चिन्ह माना गया, वही आज हर यूज़रनेम और ईमेल का हीरो है।
जब अगली बार आप किसी को @mention करें या ईमेल लिखें, तो ज़रा मुस्कुरा लेना — क्योंकि आप सिर्फ एक सिंबल नहीं टाइप कर रहे, बल्कि इंटरनेट की एक शानदार कहानी का हिस्सा बन रहे हैं।
✍️ लेखक:
यशवंत सिंह
और
निशु सिंह
हम दोनों LurnSkill ब्लॉग के लेखक और संस्थापक हैं। हमारा मकसद है कि टेक्नोलॉजी, जनरल नॉलेज और डिजिटल स्किल्स जैसी ज़रूरी जानकारी को आसान और देसी भाषा में हर उस इंसान तक पहुँचाया जाए जो कुछ नया सीखना चाहता है। हम चाहते हैं कि सीखना भारी न लगे — बल्कि मजेदार और जानकारी से भरपूर हो।