🐟 मछलियाँ सोती कैसे हैं? जानिए पानी के अंदर ऑक्सीजन लेने की मज़ेदार साइंस
हम इंसानों के लिए सोना एकदम नॉर्मल है — बिस्तर, तकिया और बस आँखें बंद।
लेकिन ज़रा सोचिए, मछलियाँ कैसे सोती होंगी?
वो तो पानी में हर समय तैरती रहती हैं… तो क्या तैरते-तैरते ही सोती हैं?
इस सवाल का जवाब जितना मज़ेदार है, उतना ही साइंस से भरा हुआ भी है।
चलिए आपको बताते हैं कि
मछलियाँ कैसे ऑक्सीजन लेती हैं,
और
कैसे पानी में तैरते हुए नींद पूरी करती हैं।
🌊 मछलियों की सांस: तैरते रहो वरना मर जाओ!
मोस्ट ऑफ द फिशेज़ को पानी से ऑक्सीजन लेने के लिए लगातार
तैरते रहना पड़ता है।
अगर वो रुक गईं, तो
ऑक्सीजन लेना बंद और मतलब
सीधा game over।
लेकिन... क्या ये सभी मछलियों के लिए सही है?
नहीं, हर मछली की अपनी स्टाइल और सिस्टम होता है।
🧠 दो तरह की मछलियाँ होती हैं: Ram Ventilators और Buccal Pumpers
🟢 1. Obligate Ram Ventilators – यानी जो बिना तैरे मर जाएँ
ये वो मछलियाँ हैं जिन्हें
लगातार तैरना पड़ता है
ताकि
उनके मुँह से पानी गिल्स पर जाकर ऑक्सीजन दे सके।
अगर ये तैरना छोड़ दें तो गिल्स तक पानी नहीं पहुँचेगा, और ये
दम घुटने से मर जाएंगी।
🧬 इनका ब्रेन भी कमाल का होता है — इनके दो हिस्से यानी hemispheres अलग-अलग समय पर active होते हैं
एक पार्ट सोता है, दूसरा part basic life functions संभालता है।
यानी ये सोते हुए भी तैर सकती हैं!
उदाहरण: कुछ ट्यूना और मैकेरल फिश
🟢 2. Buccal Pumpers – यानी मुँह से हवा खींचने वाली मछलियाँ
इन मछलियों को तैरना जरूरी नहीं होता।
ये अपने मुँह की muscle से पानी को खींचकर
गिल्स पर खुद भेजती हैं।
उन्हें तैरने की ज़रूरत नहीं होती — मतलब ये
एक ही जगह पर रुककर सो सकती हैं।
ये हवा के झोंकों की तरह अपने मुँह से पानी खींचती हैं, और आराम से नींद लेती हैं।
उदाहरण: कैटफिश, गोल्डफिश
⚡ और कुछ फिश तो hybrid भी होती हैं!
कुछ मछलियाँ दोनों तरीकों की मास्टर होती हैं।
जब तैर रही हों तब
Ram Ventilation और जब थक
गईं, तब Buccal Pumping का
use करती हैं।
इनका सिस्टम flexible होता है — ये situation के हिसाब से switch कर सकती हैं।
🦈 और अब आते हैं Ocean के Don – Shark!
शार्क तो खुद में एक दिमाग है!
लगभग 45 करोड़ साल से धरती
पर मौजूद हैं —
जब धरती पर न पेड़ थे, न इंसान, न डायनासोर।
🌀 शार्क्स कैसे ऑक्सीजन लेती हैं?
-
Ram Ventilation से: तैरते हुए
-
Buccal Pumping भी कुछ species में possible है
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और ऊपर से, एक तीसरी टेक्नोलॉजी भी:
🔍 Spiracle Respiration – आँख के पीछे से सांस!
कुछ शार्क्स के
आँखों के पीछे छोटे छेद होते
हैं — जिन्हें spiracles कहते हैं।
इनसे पानी सीधे गिल्स तक पहुँचता है — बिना तैरे!
इससे ये
समंदर की ज़मीन पर लेटकर भी सांस ले सकती हैं।
शार्क्स literally master हैं ऑक्सीजन लेने में, इसलिए उन्हें नींद, थकान या खतरा कम महसूस होता है।
🛌 तो क्या मछलियाँ सपने भी देखती हैं?
सपनों की बात तो अभी unclear है — लेकिन
मछलियाँ भी rest mode में
जाती हैं, उनके दिमाग के हिस्से आराम करते हैं,
कुछ species
एक आँख खोलकर भी सोती हैं,
ताकि शिकार से बच सकें।
🔚 निष्कर्ष: नींद भी विज्ञान है – मछलियों के लिए भी!
जहाँ इंसान बिस्तर ढूंढता है,
वहीं मछलियाँ
तैरते हुए या बिना हिले,
ऑक्सीजन के फ्लो और अपने दिमाग के सिस्टम से नींद पूरी कर लेती हैं।
तो अगली बार जब आप aquarium में एक मछली को चुपचाप बैठे देखो —
तो समझ जाइए, वो शायद उस वक्त
नींद के मज़े ले रही है — पानी के अंदर ही।
🧠 Bonus Fact:
शार्क्स जब धरती पर आए, तब पेड़-पौधे भी नहीं थे —
और आज भी वो master हैं underwater survival के!
इसलिए उन्हें "Living Fossil" भी कहा जाता है।
✍️ लेखक:
यशवंत सिंह
और
निशु सिंह
हम दोनों LurnSkill ब्लॉग के लेखक और संस्थापक हैं। हमारा मकसद है कि टेक्नोलॉजी, जनरल नॉलेज और डिजिटल स्किल्स जैसी ज़रूरी जानकारी को आसान और देसी भाषा में हर उस इंसान तक पहुँचाया जाए जो कुछ नया सीखना चाहता है। हम चाहते हैं कि सीखना भारी न लगे — बल्कि मजेदार और जानकारी से भरपूर हो।