🍺 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की असली कहानी – एक बियर से बनी दुनिया की सबसे रिकॉर्ड तोड़ किताब
आज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को कौन नहीं जानता?
हर कोई इस किताब में नाम दर्ज करवाने का सपना देखता है — कोई सबसे लंबा बनना
चाहता है, कोई सबसे तेज़, तो कोई सबसे अनोखा।
लेकिन क्या आपको पता है कि इस किताब की शुरुआत किसी स्कूल, सरकार या वैज्ञानिक
संस्था ने नहीं की…
बल्कि एक बियर कंपनी के
मालिक की बहस से हुई थी!
🏹 बात शुरू हुई एक शिकार से…
साल था 1950 के आस-पास।
सर ह्यूज बीवर, जो उस समय की
एक मशहूर बियर कंपनी "Guinness Brewery" के मालिक थे, एक दिन रॉयल हंटिंग ट्रिप पर गए।
शिकार करते हुए उन्होंने एक पक्षी पर गोली चलाई, लेकिन वो उड़ गया।
फिर वहां एक बहस छिड़ गई — “यूरोप का सबसे तेज़ उड़ने वाला पक्षी कौन है?”
कुछ लोग अलग नाम बता रहे थे, कुछ अलग — लेकिन किसी के पास इसका पक्का जवाब नहीं था।
📘 बस यहीं से बुक का बीज बोया गया…
सर ह्यूज बीवर ने सोचा —
"अगर हर पब में एक किताब होती, जिसमें
दुनिया की सबसे बड़ी चीजें, सबसे तेज़ लोग, सबसे ऊंची बिल्डिंग्स
जैसी जानकारियाँ होतीं — तो ऐसे झगड़े ही नहीं होते।"
और बस उसी रात, उनके दिमाग में आया एक नया आईडिया:
“एक ऐसी किताब बनाओ, जिसमें सिर्फ रिकॉर्ड्स हों — कोई बहस नहीं, कोई ओपिनियन नहीं — सिर्फ फेक्ट्स।”
👬 दो भाई, जिन्होंने इसे हकीकत बनाया
इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हायर किए दो भाई —
नॉरिस और रॉस मैकव्हाइटर।
ये दोनों भाई
लंदन के फैक्ट-फाइंडिंग ट्विन्स
के नाम से जाने जाते थे।
इनका काम था दुनिया के अजीबोगरीब रिकॉर्ड्स इकट्ठा करना —
सबसे लंबा आदमी कौन है,
सबसे तेज़ कार कौन सी है,
सबसे पुराना जानवर कौन सा है, वगैरह।
📅 और फिर आई पहली गिनीज बुक
साल था 1955, जब पहली बार
"The Guinness Book of Records"
पब्लिश हुई।
इसका मकसद था सिर्फ एक —
Guinness Beer को प्रमोट
करना।
इसे पब्स में फ्री में बाँटा गया, ताकि लोग बीयर पीते हुए इसे पढ़ें और बहस करें।
लेकिन हुआ कुछ और ही —
लोगों ने इसे सिर्फ पढ़ना नहीं चाहा…
बल्कि इसके अंदर शामिल होना चाहा!
🌍 किताब बनी एक क्रेज़
धीरे-धीरे ये बुक सिर्फ UK नहीं,
पूरी दुनिया में फैलने लगी।
हर साल इसकी नई एडिशन आती — और लोग अपना नाम इसमें दर्ज करवाने की होड़ में लग
जाते।
आज गिनीज बुक सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म है, जहाँ हर कोई अपनी यूनिकनेस दिखाना चाहता है।
🔚 निष्कर्ष: एक बीयर की बहस से बना इतिहास
सोचिए — अगर उस दिन सर बीवर ने शिकार में चूक न की होती,
तो शायद दुनिया की सबसे फेमस रिकॉर्ड बुक कभी बनती ही नहीं!
गिनीज बुक हमें ये सिखाती है कि —
हर बहस, हर curiosity किसी महान चीज़ की शुरुआत हो सकती है।
🧠 अब आपकी बारी:
अगर आपको भी कोई यूनिक टैलेंट है या आप किसी वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं
—
तो अगली बार जब गिनीज बुक पढ़ें,
तो सिर्फ पढ़िए मत…
सोचिए — अगली बार इसमें नाम आपका क्यों ना हो!
✍️ लेखक:
यशवंत सिंह
और
निशु सिंह
हम दोनों LurnSkill ब्लॉग के लेखक और संस्थापक हैं। हमारा मकसद है कि टेक्नोलॉजी, जनरल नॉलेज और डिजिटल स्किल्स जैसी ज़रूरी जानकारी को आसान और देसी भाषा में हर उस इंसान तक पहुँचाया जाए जो कुछ नया सीखना चाहता है। हम चाहते हैं कि सीखना भारी न लगे — बल्कि मजेदार और जानकारी से भरपूर हो।